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उपवास में सिर्फ फलाहार समझकर न खाएं सिंघाड़े का आटा, वेट लॉस से लेकर भरपूर एनर्जी में है सहायक

सिंघाड़े का आटा, जिसे पानीफल या वॉटर चेस्टनट का आटा भी कहा जाता है, भारतीय रसोई में खासकर उपवास और व्रत के दौरान बहुत उपयोग किया जाता है। व्रत के दौरान अक्सर लोग फलाहार और सिंघाड़े का आटा जैसी सामग्री का सेवन करते हैं, जो शारीरिक ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंघाड़े का आटा सिर्फ फलाहार के रूप में ही नहीं, बल्कि इसके पोषक तत्व और स्वास्थ्य लाभ भी बहुत महत्वपूर्ण हैं? यह आटा वजन घटाने से लेकर शरीर में भरपूर ऊर्जा बनाए रखने तक कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। सिंघाड़े का आटा: क्या है यह? सिंघाड़ा जिसे अंग्रेजी में "वॉटर चेस्टनट" कहते हैं, एक जलीय फल है। सिंघाड़े का आटा इस फल से तैयार किया जाता है और इसका उपयोग भारत में व्रत और उपवास के दौरान प्रमुख रूप से किया जाता है। यह आटा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह उन लोगों के लिए भी उपयुक्त होता है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी होती है। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे एक संपूर्ण आहार का रूप देते हैं। सिंघाड़े के आटे के स्वास्थ्य लाभ 1. वजन घटाने में मददगार सिंघाड़े का आटा वजन घटाने के लिए एक आदर्श खाद...