सिंघाड़े का आटा, जिसे पानीफल या वॉटर चेस्टनट का आटा भी कहा जाता है, भारतीय रसोई में खासकर उपवास और व्रत के दौरान बहुत उपयोग किया जाता है। व्रत के दौरान अक्सर लोग फलाहार और सिंघाड़े का आटा जैसी सामग्री का सेवन करते हैं, जो शारीरिक ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंघाड़े का आटा सिर्फ फलाहार के रूप में ही नहीं, बल्कि इसके पोषक तत्व और स्वास्थ्य लाभ भी बहुत महत्वपूर्ण हैं? यह आटा वजन घटाने से लेकर शरीर में भरपूर ऊर्जा बनाए रखने तक कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
सिंघाड़े का आटा: क्या है यह?
सिंघाड़ा जिसे अंग्रेजी में "वॉटर चेस्टनट" कहते हैं, एक जलीय फल है। सिंघाड़े का आटा इस फल से तैयार किया जाता है और इसका उपयोग भारत में व्रत और उपवास के दौरान प्रमुख रूप से किया जाता है। यह आटा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह उन लोगों के लिए भी उपयुक्त होता है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी होती है। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे एक संपूर्ण आहार का रूप देते हैं।
सिंघाड़े के आटे के स्वास्थ्य लाभ
1. वजन घटाने में मददगार
सिंघाड़े का आटा वजन घटाने के लिए एक आदर्श खाद्य सामग्री है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, लेकिन यह आपको लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं होने देता। यह आटा फाइबर से भरपूर होता है, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ओवरईटिंग से बचाव होता है। वजन घटाने के लिए इसे अपनी डाइट में शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
2. पाचन सुधारता है
सिंघाड़े के आटे में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सही बनाए रखने में मदद करती है। इसका सेवन करने से कब्ज जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है और आंतों की सेहत में सुधार होता है। व्रत के दौरान इस आटे का उपयोग आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रख सकता है।
3. भरपूर ऊर्जा का स्रोत
उपवास के दौरान एनर्जी बनाए रखना जरूरी होता है, और सिंघाड़े का आटा इसमें आपकी मदद कर सकता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। व्रत में इसे खाकर आप कमजोरी और थकान महसूस नहीं करेंगे।
4. मूत्र संक्रमण से बचाव
सिंघाड़े का आटा मूत्र संक्रमण (यूटीआई) जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों से लड़ते हैं और संक्रमण से बचाव करते हैं। इसके नियमित सेवन से मूत्र प्रणाली को साफ और स्वस्थ रखा जा सकता है।
नवरात्रि के दौरान सिंघाड़े के आटे का उपयोग कैसे करें?
1. सिंघाड़े के आटे का हलवा
सिंघाड़े के आटे से स्वादिष्ट और पौष्टिक हलवा बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए आर्यधेनु A2 गाय का घी, आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड के साथ आप ड्राई फ्रूट्स उपयोग कर सकते हैं। यह हलवा न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें ऊर्जा की भी भरपूर मात्रा होती है, जिससे व्रत के दौरान थकान महसूस नहीं होती।
आइए जानते हैं, सिंघाड़े के आटे के हलवे की आसान और पौष्टिक रेसिपी
आवश्यक सामग्री
सिंघाड़े का आटा – 1 कप
घी – 3-4 टेबलस्पून (आर्यधेनु A2 गाय का घी का उपयोग करें)
पानी – 2 कप
आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड– 1/2 कप (आप अपनी पसंद के अनुसार मात्रा कम या ज्यादा कर सकते हैं)
इलायची पाउडर – 1/2 टीस्पून
काजू, बादाम, पिस्ता – 2-3 टेबलस्पून (कटी हुई)
किशमिश – 1 टेबलस्पून (वैकल्पिक)
बनाने की विधि :
1. घी में आटे को भूनें
सबसे पहले एक कढ़ाई में घी गरम करें।
अब इसमें सिंघाड़े का आटा डालें और धीमी आंच पर इसे लगातार चलाते हुए हल्का भूरा होने तक भूनें।
जब आटे से अच्छी महक आने लगे और इसका रंग हल्का सुनहरा हो जाए, तो यह भुन चुका होता है।
2. पानी डालें और पकाएं
जब आटा अच्छे से भुन जाए, तो इसमें धीरे-धीरे पानी डालें।
ध्यान रखें कि इस दौरान मिश्रण को लगातार चलाते रहें ताकि इसमें गांठें न बनें।
पानी डालने के बाद इसे मध्यम आंच पर पकने दें और इसे तब तक चलाते रहें जब तक कि आटा पानी को अच्छे से सोख न ले और हलवा गाढ़ा न हो जाए।
3. आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड मिलाएं
जब हलवा गाढ़ा हो जाए और पानी पूरी तरह से सूख जाए, तो इसमें Aryadhenu Shudh Desi Khand डालें।
इसे अच्छी तरह से मिलाएं और 3-4 मिनट के लिए धीमी आंच पर पकने दें ताकि कंध हलवे में अच्छे से घुल जाए और उसका स्वाद आ जाए।
4. इलायची और मेवे मिलाएं
अब हलवे में इलायची पाउडर और कटे हुए काजू, बादाम, पिस्ता डालें।
इसे अच्छी तरह से मिलाएं और हलवे को 2-3 मिनट तक और पकाएं।
अगर आप चाहें, तो इसमें किशमिश भी डाल सकते हैं, जिससे हलवे का स्वाद और भी बढ़ जाता है।
5. गरमा-गरम परोसें
आपका स्वादिष्ट सिंघाड़े के आटे का हलवा तैयार है। इसे गरमा-गरम परोसें और आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड के साथ बने इस पौष्टिक हलवे का आनंद लें।
आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड:
आर्यधेनु का शुद्ध देसी खांड बिना किसी केमिकल्स के प्राकृतिक रूप में तैयार किया जाता है, जिससे यह पूरी तरह शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होता है। आर्यधेनु गुड़ से मैली उतारने के लिए केमिकल का प्रयोग न करके A2 गाय का दूध इस्तेमाल किया जाता है। जिससे यह स्वास्थवर्धक होने के साथ मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होता है और चीनी का स्वास्थवर्धक विकल्प है।
आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड की विशेषताएं
आर्यधेनु खांड 100 % शुद्ध व शाकाहारी है ।
आर्यधेनु खांड सल्फर फ्री है ।
आर्यधेनु खांड अच्छे क्वालिटी के गन्नों से बनाया जाता है ।
यह स्वास्थवर्धक व् चीनी का एक अच्छा विकल्प है ।
Buy Now (अभी ख़रीदे ): https://aryadhenu.com/shop/desi-sugar/aryadhenu-shudh-desi-khand/
Offer Packs:
https://aryadhenu.com/shop/desi-sugar/aryadhenu-sudh-desi-khand-900gm-pack-of-2/
https://aryadhenu.com/shop/desi-sugar/aryadhenu-sudh-desi-khand-900gm-pack-of-5/
Our Other Products: https://aryadhenu.com/shop/
Amazon Purchase Link: https://www.amazon.in/ARYADHENU-Chemical-Sulpher-SWEETNER-Beverage/dp/B08W9V4ZK8
Meesho Purchase Link:
Diwali Offer: Use code “DIWALI10” at checkout to get a Flat 10% off on a purchase.
Facebook Page: https://www.facebook.com/aryadhenu/
Instagram Page: https://www.instagram.com/aryadhenu.natural.diet/
Visit us: www.aryadhenu.com
Contact us: +91-9467843826
निष्कर्ष
उपवास में सिंघाड़े के आटे का सेवन केवल फलाहार के रूप में सीमित नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ और पौष्टिक विकल्प है जो वजन घटाने से लेकर ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में सहायक है। इसके अनगिनत लाभ जैसे कि पोषण, पाचन स्वास्थ्य, और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करना इसे एक महत्वपूर्ण खाद्य सामग्री बनाते हैं। इस उपवास, सिंघाड़े के आटे को अपने आहार में शामिल करें और आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड का उपयोग करके इसे और भी खास बनाएं। इससे न केवल आपको स्वादिष्ट व्रत के व्यंजन मिलेंगे, बल्कि आपका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इस नवरात्रि पर सही आहार का चयन करें!
#Navratri #SinghareKaAata #HealthyEating #Falahar #WeightLoss #EnergyBoost #Aryadhenu #PureAndNatural #HealthyLifestyle #Nutrition #VratRecipes #FestivalFood #NaturalSweeteners #HolisticHealth #EatWellLiveWell #NourishYourBody #Fasting
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें