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सर्दियों में सरसों के तेल से डैंड्रफ को कैसे करें कम? आर्यधेनु कच्ची घानी तेल का कैसे करे प्रयोग!

सर्दियों के मौसम में रूसी (डैंड्रफ) की समस्या आम होती है। ठंडी और शुष्क हवा की वजह से हमारी स्कैल्प सूखने लगती है और खुजली होने लगती है।अगर इस समस्या का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह बालों के झड़ने और कमजोर होने का कारण बन सकती है। सरसों का तेल एक प्राकृतिक उपाय है जो न केवल रूसी को कम करता है बल्कि आपके बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। सरसों के तेल के फायदे: 1) . मॉइस्चराइजर का काम करता है : सरसों का तेल बालों और स्कैल्प को गहराई तक पोषण देता है और रूखी त्वचा को मॉइस्चराइज करता है। 2) ब्लड सर्कुलेशन में सुधार: सरसों के तेल से मसाज करने से सिर की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे बालों की जड़ों को पोषण मिलता है। 3) एंटीबैक्टीरियल गुण: सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो स्कैल्प में संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। सरसों के तेल का डैंड्रफ के लिए कैसे करें प्रयोग ? सरसों के तेल से मसाज: सबसे पहले सरसों के तेल को हल्का गुनगुना कर लें। अब हल्के हाथों से बालों की जड़ों में मालिश करें, सरसों का तेल ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर बालों से डैंड्रफ को हटाता ...

शरीर में आयरन की कमी से होने लगती हैं बीमारियांँ “पालक चीला और गुड़ की चटनी से करें इस कमी को पूरा”

आधुनिक जीवनशैली और अनियमित खान-पान के कारण शरीर में आयरन की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है। आयरन, शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है और शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसकी कमी से एनीमिया, थकान, कमजोरी, सांस फूलना, और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयरन की कमी के कारण, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों में, यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। इसे नजरअंदाज करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। लेकिन, सही खान-पान और पोषक तत्वों को अपने आहार में शामिल करके आयरन की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। पालक चीला: आयरन से भरपूर  पालक, आयरन का एक बेहतरीन स्रोत है और इसे अपने आहार में शामिल करना सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक है। पालक से बने चीले में न केवल आयरन, बल्कि फाइबर, प्रोटीन, और अन्य आवश्यक पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। पालक चीला बनाने की विधि सामग्री: 1 कप बेसन 1 कप बारीक कटा हुआ पालक 1 छोटा चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट 1-2 हरी मिर्च (कटी हुई) 1 चुटकी हल्दी 1/4 छोटा चम्मच अजवाइन स्वादानुसार नमक आवश्यकतानुसार पानी 4 चम्मच...

मक्के दी रोटी और सरसों दा साग: सर्दियों के लिए खास व्यंजन

सर्दियों का मौसम आते ही हमारी रसोई में खास व्यंजन तैयार होने लगते हैं। इन्हीं व्यंजनों में से एक है "मक्के दी रोटी और सरसों दा साग।" यह न केवल पंजाब का परंपरागत व्यंजन है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। साग की पौष्टिकता और मक्के की रोटी का भरपूर स्वाद इसे न केवल खाने में लाजवाब बनाते हैं, बल्कि यह सर्दियों में शरीर को गर्माहट और ऊर्जा भी प्रदान करता है।सरसों का साग अपनी तासीर और पोषण के लिए जाना जाता है, जिसमें कई विटामिन और खनिज तत्व होते हैं। वहीं, मक्के की रोटी पेट के लिए हल्की और ऊर्जा से भरपूर होती है।आइए जानते हैं इस डिश को बनाने की विधि और इसके स्वास्थ्य लाभ। स्वास्थ्य के लिए अनमोल लाभ सरसों साग के स्वास्थ्य लाभ: पोषक तत्वों का खजाना: सरसों के पत्तों में आयरन, विटामिन ए, सी, और के की प्रचुरता होती है। यह शरीर को ताकतवर और रोगमुक्त बनाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। पाचन सुधारने में सहायक: साग में फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर करता है...