मिठाइयाँ भारतीय संस्कृति और त्योहारों का अभिन्न हिस्सा हैं। चाहे वह दिवाली हो, शादी की खुशी हो, या कोई अन्य विशेष अवसर, मिठाइयों के बिना कोई भी पर्व अधूरा सा लगता है। पारंपरिक मिठाइयों की बात करें, तो मलाई मोहनथाल का नाम सबसे पहले आता है। यह एक गुजराती मिठाई है जिसे देश भर में बेहद पसंद किया जाता है। इसकी अद्भुत स्वाद और रसीली बनावट इसे हर किसी की पसंदीदा मिठाइयों में शामिल करती है।
अगर आप अपने परिवार के लिए घर पर ही स्वादिष्ट और पौष्टिक मोहनथाल बनाना चाहते हैं, तो आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड का उपयोग कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप आर्यधेनु के शुद्ध और प्राकृतिक खांड से मोहनथाल बना सकते हैं। साथ ही, इस मिठाई की सेहत से जुड़ी खास बातें भी जानेंगे।
मलाई मोहनथाल क्या है ?
मलाई मोहनथाल एक विशेष भारतीय मिठाई है, जो पारंपरिक रूप से त्योहारों और दिवाली जैसे खास अवसरों पर बनाई जाती है। यह बेसन, मलाई, घी, और खांड जैसी शुद्ध सामग्रियों से तैयार की जाती है। मोहनथाल की खासियत मलाई व शुद्ध देसी घी में भुने हुए बेसन की महक में होती है। इसे अक्सर बादाम, काजू, और इलायची से सजाया जाता है, जो इसके स्वाद को और भी लाजवाब बना देता है। इसका अनूठा स्वाद इसे भारतीय मिठाइयों की श्रेणी में खास बनाता है, बेसन और शुद्ध घी से बनी यह मिठाई ऊर्जा से भरपूर होती है।
बनाने की विधि
सामग्री:
बेसन - 2 कप (250 ग्राम)
मलाई - 1 कप
घी - 1/2 कप आर्यधेनु शुद्ध घी
दूध - 3 बड़े चम्मच
आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड - 1 कप
छोटी इलायची - 8, पिसी हुई
बादाम कतरन - 1 बड़ा चम्मच
काजू कतरन - 1 बड़ा चम्मच
मोहनथाल के लिए बैटर बनाने की विधि
बेसन तैयार करना: सबसे पहले 2 कप बेसन को छानकर एक बाउल में रखें। अब इसमें 3 बड़े चम्मच घी (जो 1/2 कप घी मोहनथाल बनाने के लिए लिया है, उसी में से) और 3 बड़े चम्मच दूध डालें। इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर बेसन को हल्का दबा दें और इसे 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें। इससे बेसन फूल जाएगा और इसे बनावट मिलेगी।
बेसन को छलनी से छानना: 10-15 मिनट बाद बेसन को मसलकर मुलायम करें। अब एक मोटे छेद वाली छलनी लें और उसमें बेसन को छान लें ताकि एक समान आकार के बेसन के दाने बन जाएं।
बेसन को घी में भूनना: अब एक कढ़ाही में 1/2 कप घी गरम करें और उसमें छाना हुआ बेसन डालें। इसे धीमी आंच पर तब तक भूनें जब तक इसका रंग हल्का सुनहरा न हो जाए और उसकी खुशबू न आने लगे। इस दौरान ध्यान रहे कि बेसन को लगातार चलाते रहें ताकि वह तले में चिपक न जाए।
मलाई मिलाना: बेसन के हल्के सुनहरे हो जाने पर उसमें 1 कप मलाई डालें और अच्छे से मिलाएं। इसे तब तक भूनें जब तक बेसन और मलाई एकसार होकर सुनहरे न हो जाएं। फिर गैस बंद करके कढ़ाही को अलग रख दें।
चाशनी बनाने की विधि
चीनी और पानी मिलाना: एक पैन में 1 कप आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड और 1/2 कप पानी डालें। इसे धीमी आंच पर चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक खांड पूरी तरह से घुल न जाए।
एक तार की चाशनी तैयार करना: खांड के घुलने के बाद इसे 2-3 मिनट तक और पकाएं ताकि यह एक तार की चाशनी बन जाए। चाशनी तैयार होने पर इसे चम्मच से निकालकर ठंडा करें और उंगली से चेक करें। अगर एक तार बनता है, तो चाशनी तैयार है।
मोहनथाल बनाने की विधि
चाशनी मिलाना: अब तैयार चाशनी को बेसन और मलाई के मिश्रण में डालें। इसे तब तक मिलाते रहें जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए। मिश्रण में 8 इलायची का पाउडर भी डालें ताकि इसका स्वाद और खुशबू और भी बढ़ जाए।
मिश्रण को सेट करना: जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए और वह एक जगह इकट्ठा होने लगे, तब इसे एक घी लगी हुई ट्रे में निकालें। इसके ऊपर 1 बड़ा चम्मच बादाम और 1 बड़ा चम्मच काजू की कतरन डालें और अच्छे से दबाकर सेट करें।
मोहनथाल को सेट होने देना: अब ट्रे को फ्रिज में रात भर के लिए रखें ताकि मोहनथाल अच्छी तरह से सेट हो जाए। अगले दिन इसे अपने मनचाहे आकार में काट लें और परोसें।
सुझाव
बेसन को भूनते समय आंच को लो-मीडियम रखें ताकि बेसन अच्छे से भुने और जले नहीं।
चाशनी बनाने के लिए खांड और पानी को सही माप में मिलाएं। जितनी खांड लें, उसका आधा पानी लेना चाहिए।
मोहनथाल को बाहर 15-20 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
अगर आपके पास मलाई उपलब्ध नहीं है, तो आप इसकी जगह 1/2 कप मावा और 1/2 कप घी का उपयोग भी कर सकते हैं।
आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड
आर्यधेनु का शुद्ध देसी खांड को बिना किसी केमिकल्स के प्राकृतिक रूप में तैयार किया जाता है, जिससे यह पूरी तरह शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसमें गन्ने के रस से से मैली उतारने के लिए केमिकल का प्रयोग न करके A2 गाय का दूध इस्तेमाल किया जाता है। जिससे यह स्वास्थवर्धक होने के साथ मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होती है और चीनी का स्वास्थवर्धक विकल्प है।
आर्यधेनु शुद्ध देसी खांड की विशेषताएं
आर्यधेनु खांड 100 % शुद्ध व मिलावट रहित है ।
आर्यधेनु खांड सल्फर फ्री है ।
आर्यधेनु खांड अच्छे क्वालिटी के गन्नों से बनाया जाता है ।
यह स्वास्थवर्धक व चीनी का एक अच्छा विकल्प है ।
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निष्कर्ष
मलाई मोहनथाल एक पारंपरिक मिठाई है औरआर्यधेनु शुद्ध देसी खांड के साथ इसे तैयार करने से इसकी मिठास अधिक प्राकृतिक और पौष्टिक हो जाती है। खांड में मौजूद पोषक तत्व इसे चीनी का बेहतर विकल्प बनाते हैं, जिससे मिठाई स्वादिष्ट होने के साथ सेहतमंद भी होती है। त्योहारों और खास मौकों पर इस खास मलाई मोहनथाल को बनाकर आप अपने परिवार और दोस्तों को न केवल स्वाद का बल्कि स्वास्थ्य का भी तोहफा दे सकते हैं। दिवाली के अवसर पर इस पारंपरिक मिठाई को ज़रूर ट्राई करें और अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसका आनंद लें।
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